तपामि अहम् अहम् बर्षम् निगृह्णामि उत्सृजामि च​
अमृतम् च एव मृत्युः च सत् असत् च अहम् अर्जुन​

तपाम्यहमहं बर्षं निगृह्णाम्युत्सृजामि च ।
अमृतं चैव मृत्युश्च सदसच्चाहमर्जुन ॥९:१९॥

tapaamyahamaham barsham nigrihnaamyutsrijaami cha
amritam chaiva mrityushcha sadasachchaahamarjuna ||9:19||

tapaami aham aham varsham nigrihnaami utsrijaami cha
amritam cha eva mrityuh cha sat asat cha aham arjuna

Purport I give heat, I absorb and I bring forth the rain. I am the immortality, I am the death, O Arjun, I am the eternal (thing) and I am the perishable (thing).

तपामि (tapaami) -- I give heat
अहम् (aham) -- I
अहम् (aham) -- I
बर्षम् (varsham) -- rain; cloud
निगृह्णामि (nigrihnaami) -- hold; absorb
उत्सृजामि (utsrijaami) -- bring forth; release
च (cha) -- also
अमृतम् (amritam) -- immortality; ambrosia; elixir
च (cha) -- also; and
एव (eva) -- only; alone; just
मृत्युः (mrityuh) -- death
च (cha) -- also
सत् (sat) -- truth; eternal
असत् (asat) -- falsehood; perishable
च (cha) -- also
अहम् (aham) -- I
अर्जुन (arjuna) -- Arjun