अहङ्कारम् बलम् दर्पम् कामम् क्रोधम् च संश्रिताः
माम् आत्म पर देहेषु प्रद्विषन्तः अभ्यसूयकाः

अहङ्कारं बलं दर्पं कामं क्रोधं च संश्रिताः ।
मामात्मपरदेहेषु प्रद्विषन्तोऽभ्यसूयकाः ॥१६:१८॥

ahankaaram balam darpam kaamam krodham cha samshritaah
maamaatmaparadeheshu pradwishanto'bhyasooyakaah ||16:18||

ahankaaram balam darpam kaamam krodham cha samshritaah
maam aatma para deheshu pradwishantah abhyasooyakaah

Purport Adhering to egotism, force, conceit, lust and anger, the envious hate me, the soul in others' bodies.

अहङ्कारम् (ahankaaram) -- egotism; haughtiness
बलम् (balam) -- force; strength
दर्पम् (darpam) -- insolence; conceit
कामम् (kaamam) -- lust
क्रोधम् (krodham) -- anger
च (cha) -- also; and
संश्रिताः (samshritaah) -- indulging in; adhering to; clinging to
माम् (maam) -- me
आत्म (aatma) -- self; soul
पर (para) -- other
देहेषु (deheshu) -- in the bodies
प्रद्विषन्तः (pradwishantah) -- hating; disliking
अभ्यसूयकाः (abhyasooyakah) -- indignant; envious