बहिः अन्तः च भूतानाम् अचरम् चरम् एव च​
सूक्ष्मत्वात् तत् अविज्ञेयम् दूर स्थम् च अन्तिके च तत्

बहिरन्तश्च भूतानामचरं चरमेव च ।
सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञेयं दूरस्थं चान्तिके च तत् ॥१३:१६॥

bahirantashcha bhootaanaamacharam charameva cha
sookshmatwaattadavigneyam doorastham chaantike cha tat ||13:16||

bahih antah cha bhootaanaam acharam charam eva cha
sukshmatwaat tat avigneyam doora stham cha antike cha tat

Purport Just inside and outside of the moving and non-moving manifested beings; unknowable being the most subtle, that is both far and near as well.

बहिः (bahih)-- outside
अन्तः (antah) -- inside
च (cha) -- also; and
भूतानाम् (bhootaanam) -- manifested beings
अचरम् (acharam) -- not moving
चरम् (charam) -- moving
एव (eva) -- only; just; alone
च (cha) -- also; and
सूक्ष्मत्वात् (sukshmatwaat) -- from the most minute or subtle
तत् (tat) -- that
अविज्ञेयम् (avigneyam) -- unknowable; undistinguishable
दूर (doora) -- far
स्थम् (stham) -- staying; situated
च (cha) -- also; and
अन्तिके (antike) -- near
च (cha) -- also; and
तत् (tat) -- that